पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील अख्तर (Akeel Akhtar) की संदिग्ध मौत के बाद से पूरे राज्य में सनसनी फैल गई है।
पहले अकील का एक वीडियो सामने आया, जिसमें उसने अपने पिता, मां, पत्नी और बहन पर गंभीर आरोप लगाए — अवैध संबंध, साजिश, मानसिक प्रताड़ना और जान से मारने की धमकी तक।
लेकिन कुछ ही दिनों बाद, उसी अकील का एक दूसरा वीडियो सामने आया जिसमें उसने कहा कि वह मानसिक रूप से अस्थिर था और उसके सभी आरोप झूठे व कल्पना पर आधारित थे।
इस विरोधाभास ने पूरे मामले को रहस्यमय बना दिया है।
अकील ने पहले वीडियो में कहा —
“2018 में मुझे पता चला कि मेरे पिता का मेरी पत्नी से रिश्ता है। जब मैंने विरोध किया, तो मुझे अलग-थलग कर दिया गया… मेरी मां और बहन भी मेरे खिलाफ हो गईं।”
उसने दावा किया कि परिवार ने उसे मानसिक रोगी घोषित करने की कोशिश की, ताकि उसकी बातों पर कोई भरोसा न करे।
वीडियो में अकील ने कहा कि उसे “धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है”, और अगर उसकी मौत होती है तो इसके जिम्मेदार उसके परिवार वाले होंगे।
दूसरे वीडियो में अकील ने कहा —
“मैं स्किजोफ्रेनिया से पीड़ित था। मेरे पिता, मां, पत्नी और बहन ने हमेशा मेरी मदद की। मैंने जो पहले कहा था, वह सब गलत था।”
उसने यह भी कहा कि उसकी बहन उसकी दवाइयाँ देती थी और वह गलतफहमी में सोचता था कि वे उसे ज़हर दे रही हैं।
वीडियो में अकील ने अंत में अपने परिवार का आभार जताया और कहा कि उसे उनकी वजह से ही “जिंदगी मिली है”
कानूनी मोड़: हत्या का केस दर्ज, SIT जांच में जुटी
अकील की मौत को पुलिस ने संदिग्ध परिस्थितियों में पाया।
इसके बाद पंजाब पुलिस ने पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा और उनकी पत्नी (पूर्व मंत्री रज़िया सुल्ताना) के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया है।
अब मामले की जांच एक Special Investigation Team (SIT) कर रही है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, “दोनों वीडियो मुख्य साक्ष्य के रूप में जांच में शामिल किए गए हैं। समय-सीमा, रिकॉर्डिंग स्थान और बैकअप फाइल्स का फॉरेंसिक परीक्षण किया जाएगा।
यह केस सिर्फ पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और कानून के बीच संतुलन का सवाल भी उठा रहा है।
अगर अकील स्किजोफ्रेनिया का मरीज था, तो उसके आरोपों की विश्वसनीयता जांच में कैसे साबित होगी?
वहीं, अगर वीडियो दबाव में या मृत्यु से ठीक पहले रिकॉर्ड किया गया था, तो इससे मामला हत्या बनाम आत्महत्या के बीच झूलता रहेगा।
दोनों वीडियो की मेटाडेटा टाइमलाइन — कौन सा पहले रिकॉर्ड हुआ, कौन सा बाद में।
अकील की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट — मौत की असली वजह क्या थी: दवा ओवरडोज़, आत्महत्या या बाहरी हस्तक्षेप?
मेडिकल रिकॉर्ड — क्या वाकई अकील मानसिक बीमारी से पीड़ित था?
परिवार के बयान — क्या सभी एक समान बयान दे रहे हैं या किसी में विरोधाभास है?
डिजिटल सबूत — फोन रिकॉर्डिंग, चैट, ईमेल, वीडियो टाइमस्टैम्प।
पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा का बयान
मुस्तफा ने मीडिया को दिए बयान में कहा —मेरा बेटा बीमार था। जिन लोगों ने उसे उकसाया या गुमराह किया, वे सच्चाई से भाग नहीं पाएंगे। परिवार निर्दोष है।”
रज़िया सुल्ताना ने भी कहा कि अकील की मौत “माता-पिता के लिए सबसे बड़ा सदमा” है और उन्होंने जांच में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।मामला पूर्व डीजीपी और पूर्व मंत्री जैसे प्रभावशाली नामों से जुड़ा है।दो परस्पर विरोधी वीडियो ने सत्य की दिशा को उलझा दिया है।अकील की मौत के बाद मीडिया और जनता में सहानुभूति और शक दोनों की भावना है।यह मामला अब पंजाब में राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील बन गया है।
पहले अकील के आरोपों ने उसके परिवार की प्रतिष्ठा को हिला दिया,
फिर उसके ही सफाई वीडियो ने सब कुछ उलट दिया — और अब उसकी रहस्यमयी मौत ने सवालों का तूफान खड़ा कर दिया है।क्या अकील की मौत मानसिक अस्थिरता का परिणाम थी या किसी गहरी साजिश का हिस्सा?
इसका जवाब अब SIT की जांच रिपोर्ट ही देगी।