उत्तर बंगाल में रात भर हुई लगातार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। दार्जिलिंग के मिरिक और सुखिया पोखरी में भूस्खलन के कारण 6लोगों की मौत हो गई है। अधिकारियों ने कहा है कि दार्जिलिंग जिला पुलिस द्वारा जारी बचाव अभियान के कारण मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। दार्जिलिंग में भारी बारिश के कारण सभी पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया गया है।
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में भारी बारिश ने भारी तबाही मचाई है। जिले के कई हिस्सों में भूस्खलन और पुल ढहने की घटनाओं के कारण कम से कम छह लोगों की मौत हो गई है, जिससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। मिरिक और सुखिया क्षेत्रों में भूस्खलन की चपेट में आकर तीन लोगों की जान चली गई है। इसके चलते कई इलाकों का एक-दूसरे से संपर्क टूट गया है और सड़क यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। राहत और बचाव कार्य के लिए दार्जिलिंग जिला पुलिस लगातार प्रयास कर रही है, जबकि कालिम्पोंग जिले में स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। पश्चिम बंगाल में भारी बारिश के कारण दुधिया में लोहे के पुल का एक हिस्सा ढह जाने के बाद सिलीगुड़ी-दार्जिलिंग एसएच-12 सड़क पर वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है।
इस घटना पर भाजपा सांसद राजू बिस्ता ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि “दार्जिलिंग और कालिम्पोंग जिलों के कई हिस्सों में अत्यधिक भारी बारिश के कारण हुए भारी नुकसान के बारे में जानकर मुझे बेहद दुख हुआ है। मौतें हुई हैं, संपत्ति का नुकसान हुआ है और बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंचा है।” उन्होंने यह भी बताया कि वे स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और संबंधित अधिकारियों के संपर्क में हैं ताकि राहत कार्यों को तेजी से अंजाम दिया जा सके।
मौसम विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि अगले 24 घंटे में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं। पुल के ढहने और भूस्खलन की घटनाओं ने दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों में जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर दिया है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और चुनौतियां
स्थानीय प्रशासन ने मृतकों के परिजन को सहायता देने के निर्देश दिए हैं। राहत टीमें, NDRF और स्थानीय होमगार्ड तैनात हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश और भू-आकृति की अस्थिरता के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी हो रही है।बारिश और पुल ढहने की घटना के बाद स्थानीय लोग दहशत में हैं। कई लोग अपने घरों को छोड़कर ऊंचे इलाकों की ओर जा रहे हैं। दुकानों और स्कूलों को एहतियातन बंद कर दिया गया है