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भारत और चीन के बीच 5 साल बाद फिर से DIRECT FLIGHT शुरू तीसरे देशों के जरिए यात्रा की परेशानी खत्म

DIRECT FLIGHTS OF INDIA-CHINA:भारत और चीन के बीच अब एक बार फिर से  डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करने पर सहमति बन गई है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को प्रेस रिलीज जारी कर इसका ऐलान किया है।दोनों ही देश अब रिश्ते सुधारने में लगे हैं।विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और चीन पांच साल के अंतराल के बाद चुनिंदा शहरों के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने जा रहे हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान चीन के लिए सीधी उड़ानें बंद हो गई थीं।

PM मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद शुरू हुई चर्चा

अक्टूबर 2024 में रूस के शहर कज़ान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई थी ।उस मुलकात के बाद कई बैठकों में 2020 से निलंबित सीधी हवाई सेवाओं को फिर से शुरू करने पर चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और चीन के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण इस साल की शुरुआत से ही सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने और हवाई सेवा समझौते में संशोधन पर तकनीकी चर्चा कर रहे थे।

भारत-चीन के बीच 26 अक्टूबर से डायरेक्ट फ्लाइट शुरू होने वाली है। कोरोना के समय दोनों देशों की बीच फ्लाइट सर्विस सस्पेंड कर दी गई थी। सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करने का ऐलान सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की SCO समिट में मुलाकात के बाद हुआ है। पिछले महीने चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी भारत की यात्रा पर आए थे।

विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, दोनों देशों के एविएशन अधिकारियों के बीच इस साल की शुरुआत से ही टेक्निकल लेवल की बातचीत चल रही थी। भारत-चीन संबंधों में सुधारयह घोषणा दोनों देशों के संबंधों में उल्लेखनीय सुधार का संकेत देती है, जो निरंतर राजनयिक संपर्क के बावजूद तनावपूर्ण बना हुआ था। दोनों पड़ोसियों के बीच सीधी उड़ानें 4 साल से ज्यादा समय से बंद थी। यह फैसला ऐसे समय आया है। दोनों देशों के एयर सर्विस अधिकारियों ने कई महीनों की चर्चा के बाद फैसला किया है कि अक्टूबर 2025 के आखिर से भारत और चीन के बीच सीधी हवाई सेवाएं फिर से शुरू होंगी।

फ्लाइट सर्दी के मौसम के हिसाब से चलेंगी

विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह भारत-चीन संबंधों को धीरे-धीरे सामान्य करने की दिशा में बड़ा कदम है। यह उड़ानें सर्दियों के समय के हिसाब से चलेंगी, लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि दोनों देशों की एयरलाइंस तैयार हों और सभी नियम पूरे करें।

तीसरे देशों के जरिए हो रही थी ट्रैवलिंग

कोविड महामारी के बाद से भारत-चीन के नागरिक तीसरे देशों जैसे थाईलैंड, सिंगापुर या मलेशिया के जरिए एक-दूसरे के यहां ट्रैवल कर रहे थे। इससे यात्रा का समय और खर्च दोनों बढ़ गए थे।हाल के कुछ सालों में, खासकर 2025 की शुरुआत से भारत और चीन ने अपने रिश्तों को सामान्य करने के लिए कदम उठाए हैं। अमेरिकी टैरिफ वॉर ने भी भारत-चीन को करीब आने में मदद की है।

 

 

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